एलआईसी की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर)
एलआईसी सिर्फ बीमा पॉलिसी देने वाली कंपनी नहीं है, बल्कि यह समाज के विकास में भी बहुत बड़ा योगदान देती है। यह काम करती है अपनी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के ज़रिए। सीएसआर का मतलब है कंपनी की यह ज़िम्मेदारी कि वह सिर्फ पैसा कमाने पर ही ध्यान न दे, बल्कि समाज के लिए भी कुछ करे।
सीएसआर क्या है?
सीएसआर का मतलब है कि कंपनी इस तरह काम करे कि उससे देश की अर्थव्यवस्था, समाज और पर्यावरण को फायदा हो। यानी सिर्फ पैसा कमाना ही मकसद नहीं होना चाहिए, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बेहतर बनाने की भी कोशिश करनी चाहिए।
एलआईसी का सीएसआर
एलआईसी का मानना है कि सभी को बराबर विकास का मौका मिलना चाहिए। इसलिए उसके सीएसआर के मुख्य काम ये हैं:
- शिक्षा और कौशल विकास: गरीब बच्चों को पढ़ाई के लिए पैसे देना, स्कूल बनाना, युवाओं को काम सीखाना।
- स्वास्थ्य: गांवों में फ्री चेकअप कैंप लगाना, अस्पतालों को पैसे देना, बीमारियों के बारे में लोगों को बताना।
- पर्यावरण: पेड़ लगाना, सूरज की रोशनी से बिजली बनाना, कचरे को सही तरीके से निपटाना।
- गांव का विकास: गांवों में सड़क, पानी और शौचालय बनवाना।
- महिला सशक्तिकरण: महिलाओं को पढ़ाना, उन्हें काम सिखाना और आर्थिक रूप से मज़बूत बनाना।
- आपदा राहत: बाढ़, भूकंप जैसे आपदाओं में लोगों की मदद करना।
एलआईसी सीएसआर को कैसे करती है?
एलआईसी सीएसआर के कामों को बहुत सोच-समझकर करती है। पहले वो देखती है कि किन लोगों को सबसे ज़्यादा मदद की ज़रूरत है। फिर प्लान बनाती है कि कितने पैसे खर्च करने हैं और क्या करना है। इसके लिए वो गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और सरकार की मदद भी लेती है। सीएसआर के कामों को वो लगातार देखती है कि वो सही चल रहे हैं कि नहीं।
एलआईसी के सीएसआर का असर
एलआईसी के सीएसआर कामों से बहुत फायदा हुआ है। बच्चों को अच्छी पढ़ाई के मौके मिले हैं, लोगों की सेहत अच्छी हुई है, पर्यावरण साफ हुआ है और गांवों की ज़िंदगी बेहतर हुई है। खासतौर पर महिलाओं की ज़िंदगी में बहुत बदलाव आया है।
अगर आप भी एलआईसी के ग्राहक हैं तो आप भी इन कामों में अपना योगदान दे सकते हैं। इससे समाज का भला होगा।